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Narmada Ji Ki Aarti |
नर्मदा के तट पर कई प्रमुख तीर्थ स्थल जैसे अमरकंटक, महेश्वर, ओंकारेश्वर, स्थित हैं, जहाँ लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं। नर्मदा नदी की परिक्रमा को भी बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
माँ नर्मदा आरती
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत, झननन झननन रमती राजन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान, तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
देती सकल भुवन पर आप विराजत, निश दिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर सेवत रेवा शंकर, तुम भव मेटन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
मैया जी को कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
अमरकंठ में विराजत, घाटनघाट कोटी रतन ज्योति॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेवा जुग-जुग नर गावें।
भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरि, मनवांछित फल पावें॥
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।
नमामि देवी नर्मदे