नवरात्रि 2024: देवी दुर्गा की पूजा का महापर्व
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, शारदीय नवरात्रि चन्द्र मास आश्विन में शरद ऋतु के समय आती है। शरद ऋतु में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। नवरात्रि का अर्थ है "नौ रातें", और यह पर्व शक्ति, समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। 2024 में, नवरात्रि का शुभारंभ गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 से होगा और शुक्रवार 12 अक्टूबर को इसका समापन होगा। इसके बाद शनिवार 13 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा, जो अच्छाई की बुराई पर विजय का उत्सव है।
घटस्थापना मुहूर्त समय: 3 अक्टूबर 2024, सुबह 6:23 – 10:18 बजे
प्रतिपदा तिथि समय: 3 अक्टूबर 2024, 12:19 पूर्वाह्न - 4 अक्टूबर 2024, 2:58 पूर्वाह्न (उज्जैन के लिए समय, IST)
नवरात्रि की पौराणिक कथा
नवरात्रि का संबंध देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय से है। पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर को ब्रह्मा जी से अमरता का वरदान मिला था, लेकिन उसकी मृत्यु एक स्त्री के हाथों ही संभव थी। महिषासुर को यह विश्वास था कि कोई स्त्री उसे पराजित नहीं कर पाएगी। इसी अहंकार के चलते उसने धरती पर आतंक मचाना शुरू कर दिया।
अंततः भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्तियों का संयोग कर देवी दुर्गा का सृजन किया। देवी दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक लगातार युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। इस दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है, और इससे पहले के नौ दिनों को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
नवरात्रि की विशेषताएँ और उत्सव
नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन का एक विशेष रंग और महत्व होता है, जो देवी के अलग-अलग गुणों को दर्शाता है। भक्त अलग-अलग रंगों के वस्त्र धारण करते हैं और माता के विभिन्न रूपों की आराधना करते हैं। इन नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती, आरती, भजन, और मंत्रोच्चार के माध्यम से देवी की उपासना की जाती है।
नवरात्रि कैलेंडर 2024
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार, घटस्थापना, मां शैलपुत्री पूजा, प्रतिपदा
4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार, माँ ब्रह्मचारिणी पूजा, द्वितीय
5 अक्टूबर 2024, शनिवार, माँ चंद्रघंटा पूजा, तृतीया
6 अक्टूबर 2024, रविवार, माँ कुष्मांडा पूजा, चतुर्थी
7 अक्टूबर 2024, सोमवार, माँ स्कंदमाता पूजा, महा पंचमी
8 अक्टूबर 2024, मंगलवार माँ कात्यायिनी पूजा, महा षष्ठी
9 अक्टूबर 2024, बुधवार, माँ कालरात्रि पूजा, महासप्तमी
10 अक्टूबर 2024, गुरुवार, माँ महागौरी पूजा, महाअष्टमी
11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार, माँ सिद्धिदात्री पूजा, महानवमी महा नवमी
12 अक्टूबर 2024, शनिवार, विजय दशमी, दशमी
उपवास और भक्ति
नवरात्रि के दौरान कई लोग उपवास रखते हैं। उपवास की परंपरा स्थान और व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोग पूरे दिन केवल जल, फल, और सूखे मेवे ग्रहण करते हैं, जबकि कुछ केवल एक बार हल्का भोजन करते हैं। उपवास को आत्मशुद्धि और देवी की कृपा प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है।
सांस्कृतिक रंग और नृत्य
नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया का आयोजन विशेष रूप से पश्चिमी भारत में लोकप्रिय है। गुजरात और महाराष्ट्र में लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे, गरबा और डांडिया रास खेलते हैं, जो इस पर्व की रौनक को और भी बढ़ाते हैं। यह नृत्य देवी की आराधना का एक रूप माना जाता है और इसमें सामूहिक उत्साह और उल्लास देखा जाता है।
दशहरा: बुराई पर अच्छाई की विजय
नवरात्रि के समापन पर दशहरा मनाया जाता है, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है। यह दिन रावण पर भगवान राम की विजय और महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रावण दहन और शोभायात्राओं का आयोजन होता है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का उत्सव है।
नवरात्रि का संदेश
नवरात्रि न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह हमें आंतरिक शक्ति, समर्पण और अच्छाई के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा भी देता है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, सत्य और धर्म की जीत हमेशा होती है।