Maa Ambe Ji Ki Aarti : अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
माँ दुर्गा को 'जगदम्बे' अर्थात जगत की माँ कहा जाता है। उन्हें शक्ति, साहस, विद्या, वैभव, और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। माँ दुर्गा दुष्टों का संहार करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा को काली, अंबे और कई अन्य रूपों में पूजा जाता है।
माँ दुर्गा की आरती गाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति मिलती है। आरती के समय भक्तजन दीप जलाकर, घंटियां बजाते हुए, माँ के गुणों का गुणगान करते हैं।
माँ दुर्गा की महिमा को गाते हुए, उनसे रक्षा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
माँ दुर्गा की आरती भक्ति, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। यह आरती हमें माँ की शक्ति, करुणा और कृपा की याद दिलाती है और हमें प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन में भी माँ दुर्गा के गुणों को आत्मसात करें। माँ दुर्गा की आरती करने से हम न केवल उनकी कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि हमारे भीतर नई ऊर्जा और उत्साह का संचार भी होता है।
यदि आप अपने जीवन में शांति, सुरक्षा और सफलता चाहते हैं, तो माँ दुर्गा की आरती को नियमित रूप से गाएं और माँ की भक्ति में लीन हो जाएं। माँ दुर्गा हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें हर कठिनाई से बाहर निकालती हैं।
जय माता दी!